*महर्षि दयानन्द का बलिदान सदियों तक प्रेरणा देता रहेगा -राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य*
शुक्रवार 30 अक्टूबर 2020, केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के तत्वावधान में आर्य समाज के संस्थापक, महान समाज सुधारक महर्षि दयानन्द सरस्वती के 137 वे बलिदान दिवस पर आर्य गोष्ठी का आयोजन गूगल मीट पर किया गया । उल्लेखनीय है कि 30 अक्टूबर 1883 को स्वामी दयानंद जी का अजमेर में बलिदान हुआ था । यह कॅरोना काल में परिषद का 111वां वेबिनार था । केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने कहा कि महर्षि दयानंद का बलिदान सदियों तक समाज का मार्ग प्रशस्त करता रहेगा। महर्षि दयानन्द महान क्रांतिकारी थे,उन्होंने हजारों लोगों के जीवन को प्रकाशित किया।। वे एक मात्र ऐसे व्यक्ति थे जिन्हें जीवन में 17 बार जहर पीना पड़ा । उन्होंने कहा था कि कोई कितना भी करे परंतु स्वदेशी राज सर्वोत्तम होता है । उन्होंने एक वैचारिक क्रांति को जन्म दिया जिसने लोगों के सोचने की दिशा ही बदल डाली । स्वामी जी की प्रेरणा से हजारों नोजवान आजादी की लड़ाई में कूद पड़े, कांग्रेस के इतिहासकार पट्टाभि सीतारमैया ने भी लिखा कि देश की आजादी में 80% योगदान आर्य समाजियों का रहा । आज फिर स्वामी जी से प्रेरणा लेकर कुरीतियों व रूढ़ियों के वि...