किसान बिल वापसी का निर्णय पीएम का सराहनीय प्रयास लेकिन बिल किसानों के हित में थे-बोले मुक़ीम कुरेशी पढिये इस पूरी रिपोर्ट में
किसान बिल वापसी का निर्णय पीएम का सराहनीय प्रयास लेकिन बिल किसानों के हित में थे-बोले मुक़ीम कुरेशी पढिये इस पूरी रिपोर्ट में
संवाददाता बृजेश कुमार
नई दिल्ली- आज जिला चाँदनी में बीजेपी के वरिष्ठ नेता और सद्भावना संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष हाजी मुकीम कुरेशी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया जिसमें उन्होंने बताया कि 19 नवम्बर यानी गुरु पर्व पर देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने जनता के सामने आकर किसान बिल वापसी का ऐलान किया लेकिन इसके बाद भी किसान अपनी हट छोड़ने को तैयार नहीं है वह अभी भी दिल्ली की सीमाओं पर डेरा जमाए हुए बैठे हैं क्योंकि वह असल मे वह किसान हैं ही नहीं ।
क्योंकि हमारे देश का अन्नदाता तो खेतों में काम कर रहे हैं और प्रधानमंत्री मोदी जी द्वारा किसान हितैषी योजनाओं का लाभ ले रहे हैं और यही कारण है कि आज देश के कोने कोने से प्रधानमंत्री मोदी जी को पूर्ण बहुमत मिल रहा है लेकिन जो दिल्ली की सीमाओं पर बैठे हुए हैं वह किसान नही है वह किसानों के भेष में विपक्षी पार्टियों के एजेंट हैं जो प्रधानमंत्री मोदी जी की छवि बिगाड़ने का कार्य कर रहे हैं और यह आगामी विधानसभा चुनाव 2022 में उत्तर प्रदेश के किसान उन किसानों को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी को 350 प्लस सीटें जिताकर उन्हें जबाब भी देंगे।मैं बार बार यही कहूंगा कि यह बिल किसानों के हित मे बनाया था अब देश हित मे वापस लिया है कोई भी चीज़ का खरीदार एक होगा तो वो अपनी मर्ज़ी के रेट देगा वो ही चीज़ आप जहाँ अच्छे रेट मिलते है खुली मंडी,होगी अपने दाम पर बेच सकते हो चाहे जहां पर, ये था इस बिल में, तो ये गलत कैसे हो सकता है ये आंदोलन किसान का था ही नहीं इसमें शुरू से ही अराजक तत्वों का बोलबाला रहा था अगर होता तो मोदी जी के बिल वापस लेने के बाद किसानों को आंदोलन खत्म कर देना चाहिए, अब नई नई शर्ते लगाने का क्या मतलब है बिल के खिलाफ आंदोलन था अब बिल वापस ले लिया है किसानों को घर जाना चाहिए लेकिन वो नहीं जा रहे, इसका किया मतलब है उनका मुद्दा बिल नही कुछ और हैं।
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