एआईसीटीई की युवक स्कीम से छात्रों को अटल टनल की इंजीनियरिंग की करिश्माई तकनीक समझने में मदद मिलेगी


एआईसीटीई की युवक स्कीम से छात्रों को अटल टनल की इंजीनियरिंग की करिश्माई तकनीक समझने में मदद मिलेगी


# युवक स्कीम से भारत में विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिभाशाली इंजीनियरों को तैयार करने में मदद मिलेगी :  एआईसीटीई के अध्यक्ष अनिल डी. सहस्त्रबुद्धे


# युवक स्कीम से छात्रों को अटल टनल के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानने में मदद मिलेगी


# लेह-मनाली हाइवे पर रोहतांग पास पर अटल टनल बनाई गई है


# युवक स्कीम में हिस्सा देने वाले स्टूडेंट्स को सुरंग बनाने की तकनीक के बारे में प्रारंभिक जानकारी मिलेगी


नई दिल्ली , 21 मई, 2021 


माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने अक्टूबर 2020 में अटल टनल का देश को लोकार्पण किया था। लेह-मनाली हाइवे पर रोहतांग दर्रे में अटल टनल बनाई गई है। इसे व्यापक रूप से इंजीनियरिंग का हैरतअंगेज नमूना बताया गया है। अब ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (एआईसीटीई) ने यूथ अंडरटेकिंग विजिट फॉर अक्वाइरिंग नॉलेज (युवक) स्कीम लॉन्च की है, जिससे छात्रों को अटल टनल की परफेक्ट इंजीनियरिंग की बारीक तकनीक की जानकारी दी जाएगी।


युवक स्कीम के उद्घाटन समारोह की शुरुआत अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के स्टूडेंट डिवलेपमेंट सेल के निदेशक डॉक्टर अमित कुमार के संबोधन से की गई। युवक स्कीम को 21 मई को एआईसीटीई के चेयरमैन  प्रोफेसर अनिल डी. सहस्त्रबुद्धे और सीमा सड़क संगठन के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल  राजीव चौधरी, वीएसएम के द्वारा संयुक्त रूप से लॉन्च किया गया। इस अवसर पर एआईसीटीई के उपाध्यक्ष डॉ. एम.पी. पूनिया और सदस्य सचिव राजीव कुमार ने कार्यक्रम का हिस्सा बन चुके छात्रों को अपनी शुभकामनाएं दीं।


इस योजना का मुख्य उद्देश्य एआईसीटीआई  की ओर से मान्यता प्राप्त  तकनीकी शिक्षा संस्थानों के शिक्षकों और छात्रों को अटल टनल का स्टडी टूर अरेंज करने के लिए आर्थिक मदद प्रदान करना है।

युवक प्रोग्राम का उद्देश्य अटल टनल और विशेष तौर पर न्यू ऑस्ट्रियन टनलिंग विधि का प्रारंभिक ज्ञान और जानकारी इंजीनियरिंग के छात्रों को प्रदान करना है।


इस अवसर पर बोलते हुए, मुख्य अतिथि , सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के डीजी लेफ्टिनेंट जनरल राजीव चौधरी,  वीएसएम, ने कहा, "यह बहुत बड़ी पहल है जो एआईसीटीई द्वारा प्रो अनिल सहस्रबुद्धे के मार्गदर्शन में की गई है, हम एआईसीटीई को इसके लिये  सलाम करते हैं। यह राष्ट्र के लिए अनुकरणीय सेवा हैं । हम हमेशा आपके साथ हैं और भविष्य में संयुक्त सहयोग के लिए तैयार है ।  अटल सुरंग बहुत महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा है क्योंकि इससे समाज के सभी वर्गों को लाभ होगा ।  इससे समय, दूरी और परिवहन लागत भी कम हो गई है। साथ ही साथ पर्यावरण के संवर्धन में मदद मिली है । "


एआईसीटीई के अध्यक्ष प्रोफेसर अनिल डी. सहस्त्रबुद्धे ने कहा, “युवक प्रोग्राम से छात्रों को अटल टनल के निर्माण की बारीकियों और बनावट की हैरतअंगेज तकनीक को जानने और समझने की इजाजत मिलेगी। इससे भारत में इंजीनियरिंग की शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ेगी। देश के छात्रों में रिसर्च और इनोवेशन की संस्कृति को बढ़ावा देने में इससे मदद मिलेगी।“  


एआईसीटीई के उपाध्यक्ष एम. पी. पूनिया ने कहा, “युवक कार्यक्रम में छात्रों की भागीदारी एक स्वागत योग्य कदम है। युवक जैसे प्रोग्राम भारत में इंजीनियरिंग के क्षेत्र की प्रतिभाओं को विकसित करने में मदद करेंगे। युवक कार्यक्रम देश में भविष्य में प्रयोग की जाने वाली निर्माण तकनीक के क्षेत्र में आश्चर्यजनक  क्रांति ला सकती है। अटल टनल 9.02 किमी लंबी है। इससे इंजीनियरिंग के छात्रों को निर्माण की संभावित क्षमता को समझने में मदद मिलेगी। इससे वह राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया का हिस्सा बनने के लिए प्रोत्साहित होंगे।“

एआईसीटीई के सदस्य सचिव राजीव कुमार ने कहा कि भारत के भविष्य के लिए देश की इंजीनियरिंग प्रतिभाओं को निखारने और संवारने की बेहद जरूरत है। राजीव कुमार के अनुसार, युवक जैसे प्रोग्राम देश के इंजीनियरिंग सेक्टर के विकास को तेज रफ्तार देने में मदद कर सकते हैं। इससे छात्र अटल टनल जैसे प्रोजेक्ट का हिस्सा बनने के लिए प्रोत्साहित होंगे।

एआईसीटीई के स्टूडेंट डिवेलपमेंट सेल के सहायक निदेशक श्रीमती संजू चौधरी ने धन्यवाद प्रस्ताव ज्ञापित किया।


----------------------------------------

Comments

Popular posts from this blog

भूपेंद्र सिंह बजरंग सेना के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष व सुषमा शर्मा दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष महिलामोर्चा नियुक्त

एसोसिएशन ऑफ डायरेक्ट सेलिंग एंटिटी ऑफ इंडिया के बैनर तले आयोजित ग्रांड समिट में 50 से अधिक कंपनियों ने रखी केंद्र सरकार से डायरेक्ट सेलिंग इंडस्ट्री के लिए नियम बनाने की मांग। मनोज तिवारी रहे मौजूद

जब कान भरने वाले घरों में दुबके थे, तब काम करने वाले ने काम कर दिया : जीके