आईआईटी मद्रास के स्टार्टअप जीयूवीआई ने 10 लाख भारतीयों को प्रशिक्षित करने के लिए एक दिन की मुफ्त वर्कशॉप के आयोजन के लिए एआईसीटीई से साझेदारी की
#आईआईटी मद्रास के स्टार्टअप जीयूवीआई ने 10 लाख भारतीयों को प्रशिक्षित करने के लिए एक दिन की मुफ्त वर्कशॉप के आयोजन के लिए एआईसीटीई से साझेदारी की
# “एआई-फॉर-इंडिया 1.0” वर्ल्ड रेकॉर्ड बनाने के लक्ष्य के साथ आयोजित किया जा रहा ऑनलाइन कोडिंग इवेंट है। इसमें स्टूडेंट्स, आईटी और नॉन-आईटी प्रफेशनल्स के साथ 8 से 80 वर्ष तक की आयु के भारतीय नागरिक हिस्सा ले सकते हैं।
आईआईटी मद्रास का स्टार्टअप जीयूवीआई अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) के साथ साझेदारी में 10 लाख भारतीयों को कोडिंग की तकनीक में प्रशिक्षित करने के लिए एक दिन की मुफ्त कार्यशाला “एआई-फॉर-इंडिया 1.0” आयोजित करेगा। उम्मीद है कि यह इवेंट ऑनलाइन कोडिंग की सबसे बड़ी वर्कशॉप होने की दिशा में नए रेकॉर्ड स्थापित करेगा।
यह इवेंट मुख्य रूप से स्टूडेंट्स, आईटी प्रोफेशनल्स और कोडिंग में दिलचस्पी रखने वाले 8 से 80 साल के किसी भी नागरिक को लक्ष्य कर 24 अप्रैल 2021 को आयोजित किया जाएगा। इसके लिए रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। जीयूवीआई की एआई-फॉर-इंडिया की वेबसाइट https://www.guvi.in/AI-for-India?ref=aicte पर जाकर इसके लिए रजिस्ट्रेशन कराया जा सकता है।
जीयूवीआई अलग-अलग प्रादेशिक भाषाओं में टेक्नोलॉजी कोर्स ऑफर करने के लिए काफी मशहूर है। जीयूवीआई ने चार भाषाओं, अंग्रेजी, हिंदी, तमिल, तेलुगु में आर्टिफिशिल इंटेलिजेंस की स्किलिंग की है। इस वर्कशॉप में भाग लेने वाली उम्मीदवार अपनी पसंद की गई भाषा में कोडिंग की तकनीक सीख सकते हैं।
.जीयूवीआई के सहसंस्थापक मिस श्रीदेवी अरुण प्रकाश की याद में स्टार्टअप की ओर से यह पहल की जा रही है। इस स्टार्टअप का मिशन 1 बिलियन (100 करोड़) भारतीयों को आर्टिफिशियल इंट्लिजेंस के क्षेत्र में प्रशिक्षण प्रदान करना है और इंडिया को एआई के क्षेत्र में नेतृत्व की स्थिति में लाना है।
भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के तहत अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीआई) के मुख्य समन्वयक अधिकारी डॉ. बुद्धा चंद्रशेखर ने हाल ही में एक इवेंट में इस पहल को लॉन्च किया था। उन्होंने इस पहल के मुख्य उद्देश्यों को उभारते हुए कहा, “शिक्षा मंत्रालय और एआईसीटीई सभी भारतीय छात्रों को सर्वोत्तम शिक्षा और कौशल दक्षता देनी चाहती है। इसके साथ ही वह बेहतरीन शिक्षण संस्थाएं और शिक्षक भी छात्रों को प्रदान करना चाहती है। इसके लिए हमने जीयूवीआई के साथ साझेदारी में यह पहल की है। जीयूवीआई का चयन (नेशनल एजुकेशन अलायंस फॉर टेक्नोलॉजी) से किया गया। इस कार्यशाला में 10 लाख छात्रों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की तकनीक में प्रशिक्षित किया जाएगा। हमारी साझेदारी निश्चित रूप से रेकॉर्ड बनाएगी।“
वर्कशॉप में भागीदार इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स के पाइथन का प्रयोग करते हुए चेहरे की पहचान करने वाली ऐप बनाना सीख सकेंगे। इस ऑनलाइन कोडिंग की वर्कशॉप में अलग-अलग क्षेत्रों के लोगों के हिस्सा लेने की उम्मीद है। इसमें हिस्सा लेने वाले वाले सभी प्रतियोगियों को जीयूवीआई के पाइथन कोर्स तक पहुंच मिल सकेगी, जिससे उन्हें पाइथन की प्रोग्रामिंग लैंग्वेज के कॉन्सेप्ट समझने में मदद मिलेगी। इसके अलावा प्रतिभागियों को ऑनलाइन वर्ल्ड रेकॉर्ड इवेंट में हिस्सा लेने के सर्टिफिकेट और कोडिंग के स्किल बिल्डिंग प्लेटफॉर्म “कोडकाटा” तक अनलिमिटेड एक्सेस प्रदान की जाएगी।
गो फ्रूगल टेक्नोलॉजी के संस्थापक और सीईओ श्री कुमार वेंबु ने इस पहल पर कहा, “ऑटोमेशन हमें मानवीय श्रम से आजादी देता है। एआई के क्षेत्र में हुई क्रांति हमें शासन के आंकड़ों पर आधारित आदेश से मुक्ति दिलाएगी। मैं जीवीयूआई को बधाई देता हूं कि उन्होंने एक साथ इतने लोगों को आर्टिफिशियल कोडिंग की तकनीक की क्षमता का महत्व समझाने और उन्हें प्रशिक्षित करने का फैसला किया। मुझे विश्वास है कि एक बार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की तकनीक समझने के बाद इनमें से कुछ लोग कुछ ज्यादा समय इस ओर लगाएंगे या ज्यादा प्रयास करेंगे तो वह इस तकनीक के एक्सपर्ट भन जाएंगे। इस पहल से न केवल इंडस्ट्री को अपने कार्य में दक्ष और प्रतिभाशाली उम्मीदवारों की बड़ी संख्या मिलेगी, बल्कि इस पहल से छात्र एआई उद्यमी बन सकेंगे। में कार्यशाली की सफलता की कामना करता हूं और जीयूवीआई और भागीदारों को शुमकामनाएं देना चाहता हूं।“
जीयूवीआई के सहसंस्थापक और सीईओ श्री एस.पी. बालमुरुगन ने कहा, “एआई की पहल जीवन में कुछ बनने की महत्वाकांक्षा रखने वाले छात्र, प्रोफेशनल्स और आम आदमी को अपनी प्रोफेशनल स्किल्स डिवेलप करने के लिए प्रेरित करेगी। इस पहल से कौशल में दक्ष हुए नौजवान अपने नए-नए विचारों से राष्ट्र के विकास में योगदान दे पाएंगे। जीयूवीआई के इनोवेशन के उद्देश्य से इसका गहरा तालमेल है।“
जीयूवीआई के संस्थापक और मुख्य ऑपरेटिंग अफसर श्री अरुण प्रकाश ने इस महत्वपूर्ण पहल के उद्देश्यों पर गहराई से प्रकाश डालते हुए कहा, “हर युग में दुनिया ने अलग-अलग क्षेत्रों में क्रांति देखी है। आज हम कोडिंग या एआई में क्रांति की दहलीज पर खड़े हैं। यह जरूरी नहीं कि आप किसी चीज को बनाएं या उसका विकास करें, पर आपको यह समझने की जरूरत है कि क्या हो रहा है। आपको अच्छी तरह आंकड़ों के मायने पता होने चाहिए। कि इससे आपकी या दूसरों की जिंदगी किस हद तक प्रभावित हो सकती है। जिससे आप बिना किसी की सलाह पर निर्भर हुए एक बेहतर और सही फैसला लेने में सक्षम बन सकें।“
यह भव्य ऑनलाइन कोडिंग इवेंट “एआई-फॉर-इंडिया 1.0” केवल प्रोग्रेसिव कोडिंग क्रांति की दिशा में शुरुआती कदम है। यह इवेंट 24 अप्रैल 2021 को आयोजित किया जाएगा। जीयूवीआई हर भारतीय को ऑनलाइन कोडिंग इवेंट को भव्य अंदाज में सफल बनाने के लिए योगदान करने के लिए आमंत्रित करता है इसके लिए “एआई-फॉर-इंडिया 1.0” के लिए रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। ये इवेंट किसी ऑनलाइन कोडिंग इवेंट में सबसे ज्यादा लोगों की भागीदारी के लिए वर्ल्ड रेकार्ड बनाएगा।
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