आत्मनिर्भर भारत की कहानी, जिसने भारत में कोरोना वायरस की टेस्टिंग किट के मैन्युफैक्चरिंग मार्केट में सबसे किफायती टेस्टिंग किट लॉन्च की
# फ्रेंच मल्टीनेशनल कंपनी की स्थापना भारतीय कारोबारी ने की थी, इस कंपनी ने भारत में कोविड-19 आरटी-पीसीआर मार्केट में सबसे कम दाम की किट लॉन्च कर जबर्दस्त प्राइस करेक्शन किया
# कंपनी ने डायग्नोस्टिक्स मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री में आत्मनिर्भर भारत की परिभाषा पर ध्यान देते हुए 20 लाख से ज्यादा किट्स की सप्लाई की है।
# कंपनी ने फ्रांस के स्वास्थ्य मंत्रालय (एम एंड एच) और आईसीएमआर की ओर से मंजूर आरटी-पीसीआर टेस्ट केवल 199 रुपये में लॉन्च किया
# भारत की सबसे बड़ी लैब्स ने 100 फीसदी सफलता के साथ बेहतरीन गुणवत्ता के ऑडिट टेस्ट पास किए, जो जेनस्टोर कोविड-19 आरटी-पीटीआर किट्स पर बेस्ड हैं
दिल्ली, 9 मार्च 2021 : मार्च 2020 में पूरे देश में कोरोना महामारी के प्रकोप के कारण लॉकडाउन कर दिया गया था। उस समय विश्व स्वास्थ्य संगठन ने यह दावा किया था कि कोरोना को फैलने से रोकने का एकमात्र उपाय केवल लोगों के ज्यादा से ज्यादा टेस्ट करना है। इसी मोड़ पर भारतीय संस्थापक अनुभव अनुषा के नेतृत्व में और उनके द्वारा स्थापित फ्रेंच मल्टी नैशनल कंपनी जीनस्टोर फ्रांस ने कोरोना वायरस के टेस्ट के लिए सबसे किफायती कोरोना वायरस टेस्टिंग किट केवल 199 रुपये में लॉन्च की थी। इस
टेस्टिंग किट को फ्रांस सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय और आईसीएमआर से हरी झंडी मिल चुकी है।
जीनस्टोर फ्रांस के एक अधिकारी ने बताया कि कंपनी ने किफायती टेस्टिंग किट बनाने का फैसला इसलिए किया क्योंकि ज्यादा से ज्यादा लोग कोरोना का अपना टेस्ट करा सकें और इस बीमारी के और फैलने से पहले इस पर कंट्रोल किया जा सके। इससे पहले की कोरोना टेस्टिंग किट काफी महंगी थी, जो आम लोगों की पहुंच से बाहर थी। इससे आम जनता के सभी वर्ग के लोग टेस्ट नहीं करवा सकते थे।
भारत में कोरोना वायरस की टेस्टिंग के लिए जीनस्टोर फ्रांस की “डिटेक्टशन एक्सपर्ट आरटी-पीसीआर किट” की लॉन्चिंग से पहले दुनिया भर में डायग्नोटिक्स इंडस्ट्री पर प्रमुख रूप से उत्तरी अमेरिका और यूरोप की बड़ी कंपनियों का नियंत्रण था। इसके अलावा कोरोना महामारी फैलने के शुरुआती दिनों में भारत में आरटी-पीसीआर किट की रिटेल मार्केट में बिक्री 500 रुपये से 1000 रुपये तक की कीमत में की गई थी।
एक कंपनी के रूप में जीनस्टोर फ्रांस को एक प्रमुख चुनौती का सामना करना पड़ा। कंपनी को भारत में बेहतरीन गुणवत्ता की टेस्टिंग किट सप्लाई करने वाली प्रमुख लैब्स के सामने अपनी टेस्टिंग किट का प्रदर्शन करना पड़ा और उन्हें यह बताना पड़ा कि बेहतरीन क्वॉलिटी की टेस्टिंग किट की आपूर्ति जीन स्टोर की किफायती दाम में मिल रही आरटी-पीसीआर किट से ही संभव है। हालांकि कंपनी की टेस्टिंग किट ने इन लैब्स की कड़े गुणवत्ता मानकों का टेस्ट आसानी से पूरा कर लिया, जिसमें से बहुत सी लैब को सीएपी (कॉलेज ऑफ अमेरिकन पैथोलॉजी) से मान्यता मिली थी। जीन स्टोर के पास यूरोप और भारत में सभी कच्चे माल के लिए एक पूरा मैन्युफैक्चरिंग सेटअप था। इसी के चलते कंपनी को किफायती दाम की टेस्टिंग किट बनाने का पूरा फायदा उपभोक्ताओं को देने की इजाजत मिली।
भारत की सबसे बड़ी डायग्नोस्टिक टेस्टिंग कंपनी के लिए मॉलिक्यूलर बायोलॉजी और एचएलए के हेड ऑफ डिपार्टमेंट डॉ. वाई.पी. सिंह ने कहा, “मेरी लैब ने लॉन्चिंग के बाद कोरोना वायरस की टेस्टिंग के लिए जेनस्टोर की आरटी-पीसीआर किट का इस्तेमाल किया । मैं इस टेस्टिंग किट की बेहतरीन क्वॉलिटी और परफॉर्मेंस से बेहद खुश हूं।“
जीनस्टोर के आत्मनिर्भर और मेक इन इंडिया की पहल के बाद इस क्षेत्र में हुई व्यापक उन्नति से कंपनी को भारत में कोरोना टेस्टिंग किट के 40 फीसदी मार्केट पर 60 दिनों की अवधि में कब्जा करने में सफलता मिली। इसके अलावा जीनस्टोर को आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया के परिपेक्ष्य में एक महत्वपूर्ण तथ्य को साबित करने में सफलता मिली कि यूरोपीय गुणवत्ता मानकों के साथ भारत में किफायती दाम पर हाई टेक्नोलॉजी की आरटी-पीआर किट बनाई जा सकती है, जिसे भारत में काफी कम दाम पर लोग खरीदकर उसका प्रयोग कर सकते हैं।
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