बादल दल को बड़ा झटका, वरिष्ठ सदस्यों ने थामा सरना गुट का दामन ,DSGMC के अंदर बढ़ रहे भ्रस्टाचार से दुःखी थे
नई दिल्ली (3 फरवरी, 2020): दिल्ली गुरुद्वारा प्रबंधन कमिटी के दो वरिष्ठ सदस्य हरिंदरपाल सिंह और जतिंदर सिंह साहनी ने, शिअद के पार्टी पॉलिसी और दिल्ली गुरुद्वारों में बढ़ते भ्रस्टाचार से दुःखी होकर
पार्टी छोड़ी। दोनों सदस्य शिरोमणि अकाली दल (बादल)पार्टी के सदस्य होने के साथ ही
दिल्ली गुरुद्वारा प्रबंधन कमिटी के प्रमुख ओहदेदार भी थे।
सूत्रों के अनुसार दोनों DSGMC के अंदर बढ़ते भ्रस्टाचार और कमिटी प्रधान के ऊपर लग रहे एफआईआर से नाराज थे। दोनों सदस्यों ने पहले भी गुरु की गोलक के दुर्बर्तो और बिगड़ते प्रबधंन को लेकर रोष प्रकट किया था।
मीडिया से मुखातिब होते हुए सदस्यों ने बताया कि "
" देंखे जिस तरह दिल्ली गुरुद्वारा प्रबंधन कमिटी आज भ्रस्टाचार की वजह से बर्बादी की कगार पर है।इसे संगत के बीच समझाना मुश्किल था। DSGMC में पन्थक मर्यादाएं तार-तार हो रही है। हमारे कर्मचारी भुखे तड़प रहे है। लेकिन कोई सुनवाई नही है। एक पन्थक व्यक्ति के लिए यह सब बर्दाश्त नही किया जा सकता। जिससे मजबूर होकर हमने पार्टी छोड़ी। "
शिरोमणि अकाली दल दिल्ली (सरना) का दामन थामने की वजहों को पूछने पर साहनी और हरिंदर पाल सिंह ने बताया कि
" हम सरदार परमजीत सिंह सरना जी को पिछले 25 सालों से पन्थ की सेवा राह पर देख रहे है। आप एक निहायत ही नेक और ईमानदार सख्शियत है। जिन्होंने अपने समय मे ऐतिहसिक विकास और सेवा के काम किए। इन सब वजहों को ध्यान में रखते हुए हम इनके साथ फिर जुड़े। "
नए सदस्यों के स्वागत के दरम्यान काफी खुश नजर आ रहे पार्टी प्रधान परमजीत सिंह सरना ने नए मेहमानों का तहे दिल से स्वागत करते हुए बताया कि " बादल पार्टी को अब अकाली ना बोले। इन्होंने सिखो और पंजाबियों के भावनाओं के साथ सिर्फ खिलवाड़ किया हैं । इन्होंने दिल्ली की सिख धरहरो के साथ पूरे पंजाब को बरबादी के कगार पर धकेला है। इनके पापों की वजह से यह देश की राजनीतिक पटल से गायब हो जाएंगे। साहनी जी और हरिंदरपाल जी दोनों ही दिल्ली के जाने माने सिख सख्शियत है। आपके आने से हमे नई मजबूती और दिशा मिलेगी।"
इस दरमयान DSGMC के पूर्व प्रधान हरविंदर सिंह सरना भी मुखातिब हुए जिन्होंने अपने कार्यकाल को याद करते हुए दावा किया कि " बादल, दिल्ली और पंजाब दोनों से साफ होंगे। आज पूरी दिल्ली हमारे कार्यकाल को याद कर रहा है। हमने 123 करोड़ से ज्यादा का रिज़र्व छोड़ा था जो कि अब खत्म हो चुका है। हमारे समय मे हर 30 तारीख को तन्ख्वाह मिल जाती थी। स्कूल-कॉलेज अच्छे हालात में थे। पन्थक मर्यादाओ का पालन होता था। आज सिर्फ खोखले प्रचार के नाम पर बरगलाया जा रहा है। इन तथाकथित माफियो ने हमारे आलीशान बाला साहिब अस्पताल को भी बनने नही दिया। संगत इनको माफ नही करेगी।"
नए सदस्यों का स्वागत पार्टी महासचिव गुरमीत सिंह शंटी ने सरोपा देकर स्वगत किया और बताया कि,दोनों मेम्बर साहिबानों ने अतीत में गुरु और संगत की खातिर बादल दल के साथ जुड़े थे। लेकिन बढ़ते भ्रस्टाचार और पंथ के गिरते स्तर से दुःखी होकर इन्होंने अब अपनी अंतरात्मा की आवाज़ सुनकर हमारी पार्टी की सदस्यता ली है। क्योंकि मेरा मानना है कि, एक सिख की गुरु और संगत के प्रति जिम्मेदारी सबसे प्रमुख होती है।आप सभी मेम्बरबसाहिबान का हमारे पार्टी में कोटि-कोटि धन्यवाद।
"
इस दरम्यान यूथ विंग प्रधान रमनदीप सिंह सोनू भी मौजूद थे जिन्होंने नए सदस्यों को धन्यवाद देते हुए बताया कि " सरना जी के कार्यकाल में जितने भी नेक काम हुए वह गंदी सियासत की वजह से धूल खाने को मजबूर है। हमने जीएनआईटी इंजीनियरिंग कालेज, जीएनआईएम कॉलेज ,बीएड कॉलेज चलाए थे जो सब बंद हो चुके हैं । हमारे मुलाजीमो को 8 महीने से तन्ख्वाह नही मिल रही। 4-4 मौते हो चुकी है।
हमारे कमिटी में आते ही इन आधारभूत मुद्दों को सुधारा जाएगा। "
सदस्यता अभियान के दरम्यान तरसेम सिंह खालसा, मंजीत सिंह सरना,कुलतारन सिंह,जत्थेदार बलदेव सिंह रानीबाग, मनमोहन सिंह कोच्चर, सुखबीर सिंह कालरा, करतार सिंह चावला विकी, गुरप्रीत सिंह खन्ना ,हरविंदर सिंह बॉबी,कुलदीप सिंह, मनिंदर सिंह सूदन, परविंदर सिंह मोंटू, भुपिंदर सिंह पीआरओ, एचपी सिंह, सहित कई अन्य साथी मौजूद रहे
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