दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी का खजाना खाली सिरसा और कालका ने किया विश्वासघात

 



ब्रजेश कुमार संवाददाता


नई दिल्ली 8 फरवरी : करीब 300 करोड रुपये सालाना बजट वाली दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी वर्तमान में खस्ताहाल हो गई है। कमेटी का खजाना पूरी तरह से खाली है। इसके चलते पिछले छह महीने से कर्मचारियों का पीएफ (कर्मचारी भविष्य निधि) का पैसा भी नहीं जमा हो पाया है। जबकि कर्मचारियों के वेतन से हर महीने पीएफ का पैसा कमेटी प्रबंधन काट रहा है। लेकिन, पीएफ विभाग में जमा नहीं कर रहा है। हालात यह है कि जुलाई 2020 में आधी रकम पीएफ के एवज में जमा हुई है। उसके बाद से अब तक एक रुपया भी जमा नहीं किया गया है। इसको लेकर पीएफ विभाग ने दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी को नोटिस थमा दिया है। साथ ही 10 दिन का समय देते हुए चेतावनी दी है कि अगर तत्काल कर्मचारियों के पीएफ का भुगतान न किया तो जिम्मेदार लोगों सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके तहत कमेटी का खाता भी अटैच हो सकता है साथ ही इसमें जेल का भी पावधान है।


  बता दें कि कमेटी में 1700 से अधिक कर्मचारी हैं। इनका पीएफ हर महीने करीब 62 लाख रुपये जाता है। इस हिसाब से 6 महीने का पीएफ साढे 4 करोड रुपये से ज्यादा बनता है। ये सभी कर्मचारी दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक से जुडे हैं। कर्मचारियों के वेतन को लेकर तो समस्या पहले से चली आ रही है लेकिन यह नई समस्या पीएफ की खडी हो गई है। पीएफ के अलावा दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी में कर्मचारियों एवं उनके परिवारों को लेकर शुरू की र्ग स्कीमें भी खटाई में पड गई हैं। इसमेंं लडकियों की शादी में शगुन स्कीम सहित कई स्कीमें थी।



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40 रिटायर्ड कर्मचारियों की नहीं मिली ग्रेच्युटी



दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व महासचिव गुरमीत सिंह शंटी ने दावा किया कि पिछले एक साल से अधिक समय से रिटायर हुए 40 से अधिक कर्मचारियों को अभी तक उनका बनता हक ग्रेच्युटी भी कमेटी प्रबंधन ने नहीं दिया है। इसमें कुछ कर्मचारी जनवरी—फरवरी 2020 में और कुछ कर्मचारी उसके आगे पीछे रिटायर हुए थे। सभी कर्मचारी अपने ग्रेच्युटी की बनती रकम के लिए रोजाना धक्के खा रहे हैं लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। 2 से 3 करोड रुपये इनका भी बकाया है। जबकि नवम्बर 2020 में रिटायर हुए अपने चहेतों एवं रिश्तेदारों को गेच्युटी के पैसे दिलवा दिए गए हैं।


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मृतक आश्रित कोटे में नौकरी के नाम पर बडा खेल, धक्के खा रहे हैं परिजन




दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी में नौकरी के दौरान अगर किसी वजह से कर्मचारी की मौत होती है तो उसके आश्रितों में से किसी एक को नौकरी या पैसा (दोनों में से एक) देने का प्रावधान है। लेकिन यहां नियमों के उलट काम हो रहा है। कई मृतक कर्मचारी के परिजन महीनों से धक्के खा रहे हैं और उन्हें नियम के अनुसार एक भी भत्ता नहीं मिल रहा है। जबकि एक वरिष्ठ अधिकारी ने अपने बहनाई के निधन पर अपनी बहन को बनता पूरा पैसा भी दिलवा दिया और बाद में मृतक कर्मचारी के बेटे को कमेटी में नौकरी भी दिलवा दिया। इसको लेकर कमेटी में महाभारत मचा हुआ है और कर्मचारियों में प्रबंधन के प्रति गुस्सा भी है। दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व महासचिव गुरमीत सिंह शंटी ने दावा किया है जिसकी जितनी पहुंच है, उसका वैसे काम हो रहा है।


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कमेटी प्रबंधन जानबूझ कर नहीं देना चाहता है कर्मचारियों का पैसा : शंटी



शिरोमणि अकाली दल दिल्ली के महासचिव गुरमीत सिंह शंटी ने दावा किया है द्रिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी प्रबंधन जानबूझ कर कर्मचारियों का हक नहीं देना चाहती है। चूंकि दिल्ली कमेटी के आम चुनावों में अब कुछ महीने का समय ही बचा है इसलिए कमेटी प्रबंधन इन पैसों को कर्मचारियों को देने की बजाय अपने चुनाव प्रचार एवं चेहरा चमकाने में खर्च करना चाह रहा है। शंटी ने आरोप लगाया कि दिल्ली कमेटी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा अपनी कमेटी कर्मचारियों को छोड देश और दुनिया के मुददे रोजाना उठा रहे हैं। यहां तक की जो काम एसजीपीसी का है, उसे भी वह अपनी निजी सियासत के लिए कर रहे हैं।  बता दें कि गुरुद्वारा एक्ट के मुताबिक दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक का दायरा सिर्फ दिल्ली के सिखों, संस्थाओं, पवित्र गुरुद्वारों की संभाल एवं सामाजिक चीजों की देखरेख करने की है, लेकिन बडे अफसोस के साथ कहना पड रहा है कि वर्तमान कमेटी एवं उसके ओहदेदार उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट, जम्मू—कश्मीर सहित पाकिस्तान और अमेरिका के मुददे सुलझाने में लगे हुए हैं। 

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