नेशनल पैंथर्स पार्टी ने आज भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के महान नायक नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जन्म जयंती मनायी

 तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा!




नेशनल पैंथर्स पार्टी ने आज भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के महान नायक नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जन्म जयंती मनायी, जो इस दिन ओडिशा के कटक में पैदा हुए थे। उनकी मृत्यु की आज तक पुष्टि नहीं हुई है। कई जांच आयोगों और समितियों ने सही तारीख या नेताजी के ताइवान में उड़ान भरने के बाद गायब होने की स्थिति की पुष्टि नहीं की। कुछ रिपोर्टों में टिप्पणी की गई है कि विद्वानों की राय की सर्वसम्मति में, सुभाष चंद्र बोस की मृत्यु 18 अगस्त, 1945 को जापानी शासित फॉर्मोसा (अब ताइवान) में उनके जापानी विमान के दुर्घटनाग्रस्त हो जाने के बाद हुई। नेताजी ने भारत की आजादी के लिए अपना सब कुछ न्यौछावर कर दिया।

प्रो. भीम सिंह ने भारत के सभी राजनीतिक नेताओं, विशेष रूप से युवाओं व राजनीतिक दलों को भारतीय इतिहास में महान स्वतंत्रता सेनानियों के जीवन को फिर से पढ़ने के लिए कहा, जिनमें नेताजी सुभाष चंद्र शामिल हैं। नेताजी ने उस समय इंडिया हाउस, लंदन में भारतीय दूतावास द्वारा आयोजित एक केंद्र में परीक्षा में बैठकर पेंसिल से अपनी आईसीएस (भारतीय सिविल सेवा) परीक्षा देकर वरियता के साथ परीक्षा उŸाीर्ण की थी। भारत में आईसीएस अधिकारी के रूप में सर्वोच्च स्थान की पेशकश की गई थी, लेकिन नेताजी ने प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया। नेताजी ने 1939 में महात्मा गांधी के उम्मीदवार भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष पट्टाभि सीतारमैया को हराकर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष बने।

पैंथर्स पार्टी के कार्यकर्ताओं, कई वरिष्ठ राजनीतिक व सामाजिक नेताओं को संबोधित करते हुए नेशनल पैंथर्स पार्टी के संस्थापक एवं मुख्य संरक्षक प्रो. भीम सिंह ने पैंथर्स मुख्यालय, जोर बाग, नई दिल्ली से भारत के विभिन्न राज्यों में पैंथर्स नेताओं को ऑनलाइन संवाद करके पश्चिम बंगाल, ओडिशा, बिहार, तमिलनाडु, तेलंगाना, राजस्थान, गुजरात, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, असम, मणिपुर और कई केंद्रशासित प्रदेशों के सभी देशवासियों व क्रांतिकारी दलों को शुभकामनाएं दीं।

प्रो. भीम सिंह ने कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान निभाई गई शानदार अकल्पनीय भूमिका के लिए ‘महाभारत रत्न‘ से सुशोभित होने के हकदार हैं। कैसे वे ब्रिटिश जेल से भागने में कामयाब रहे और जर्मनी के बॉन पहुंचे। कैसे वे पनडुब्बी द्वारा जापान पहुंचने में कामयाब रहे। महीनों तक पानी के नीचे यात्रा करना तब जब बमों की बारिश हो रही थी। कैसे नेताजी ने जापान पहुंचकर भारतीय राष्ट्रीय सेना का गठन किया और जापान में लगभग 60,000 भारतीय सैनिक कैदियों को रिहा करने के लिए राजी किया।

पैंथर्स कार्यकर्ताओं ने भारत की संसद से अपील की कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस को ‘महाभारत रत्न‘ और अन्य सभी स्वतंत्रता सेनानियों को ‘भारत रत्न‘ से नवाजा जाय, जिसमें स. भगत सिंह और अन्य सभी शामिल थे।

पैंथर्स पार्टी ने भारत के स्वतंत्रता सेनानियों को ‘भारत रत्न‘ देने की मांग की, जिनमें मंगल पांडे, वी. ओ. चिदंबरम पिल्लई, सुब्रमणिया भारती, अल्लूरी सीताराम राजू, शंभू दत्त शर्मा, तंगुतुरी प्रकाशम, खुदीराम बोस, चंद्र शेखर आजाद, चित्तरंजन दास, कोमाराम भीम, राम प्रसाद बिस्मिल, सरदार ऊधम सिंह, हेमू कालानी, अशफाकउल्ला खान, सचिन्द्रा बख्शी, मनथनाथ गुप्ता, वासुदेव बलवंत फड़के, मातंगिनी हाजरा, अनंत लक्ष्मण कान्हेरे, वनचिन्तन, कृष्णाजी गोपाल कर्वे, गणेश दामोदर सावरकर, विनायक दामोदर सावरकर, बाघा जतिन, बटुकेश्वर दत्त, सुखदेव थापार, शिवराम राजगुरु, रोशन सिंह, प्रितिलता, सुनील वाजिद देवी, भगवती चरण वोहरा, मदन लाल ढींगरा, अल्लूरी सीतारामा राजू, कुशाल कोंवर, सूर्य सेन, अनंत सिंह, गणेश घोष, श्री अरबिंदो, रास बिहारी बोस, उबैदुल्ला सिंधी, लोकनाथ बल, जोगेश चंद्र चटर्जी, बैकुंठ शुक्ला, अम्बिका चक्रवर्ती, बादल गुप्ता, दिनेश गुप्ता, बेनॉय बासु, राजेंद्र लाहिरी, बरिंद्र कुमार घोष, प्रफुल्ल चकी, उल्लासकर दत्ता, भूपेंद्र कुमार दत्ता, रमेश चंद्र झा, हेमचंद्र कानूनगो, सुरेंद्रनाथ टैगोर, बसावन सिंह (सिन्हा), भावभूषण मित्रा, बीना दास, कल्पना दत्ता, करतार सिंह सराभा, श्यामजी कृष्णा वर्मा, बिनोद बिहारी चैधरी, भूपेंद्रनाथ दत्ता, अमरेंद्रनाथ चटर्जी, अतुल कृष्ण घोष, सुबोध रॉय, मौलवी लियाकत अली, असफ अली, एस. सत्यामूर्ति, शौकत अली, सुशीला चैन त्रेहन, बाल गंगाधर तिलक, बिपिन चंद्र पाल व लाला लाजपत राय शामिल हैं।

नेशनल पैंथर्स पार्टी ने भारत के युवाओं व छात्रों को एकजुट होने और स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान व योगदान को ध्यान में रखते हुए भारत को एकजुट करने का आह्वान किया। पैंथर्स पार्टी ने भारत के राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद से आग्रह किया कि वे भारत के सभी राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों में 6वीं कक्षा से विश्वविद्यालय स्तर तक स्वतंत्रता सेनानियों के इतिहास व योगदान के बारे में एक अनिवार्य विषय पढ़ाने का निर्देश दें।

  इस अवसर पर अपने विचार रखने वालों में श्रीमती जयमाला (पैंथर्स पार्टी के संस्थापक-सदस्य) बी.एस. बिलौरिया (राष्ट्रीय महासचिव), पी.सी. मेहता (राष्ट्रीय सचिव), राजीव जौली खोसला (अध्यक्ष-दिल्ली), अनिल शर्मा (राजस्थान-अध्यक्ष), शशि भारत भूषण, एडवोकेट (अध्यक्ष-हरियाणा), रामअधार सिंह बिसेन (यूपी अध्यक्ष), मानस बनर्जी (पश्चिम बंगाल अध्यक्ष), सेवा सिंह बाली (महासचिव, पैंथर्स ट्रेड यूनियन), मोहम्मद इकबाल चैधरी (पी.के.गंजू (उपाध्यक्ष), कलीराम तोमर, प्रीतपाल सिंह, डी.के मेंहदींरता, स्वर्णसिंह यादव, के.के. सिंह और अन्य शामिल थे!









 

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