सरना ने डीएसजीएमसी की लोकलुभावने घोषणाओं को क्यो बताया "खोखला पिटारा"पढ़िए इस पूरी रिपोर्ट में
सरना ने डीएसजीएमसी की लोकलुभावने घोषणाओं को क्यो बताया "खोखला पिटारा"पढ़िए इस पूरी रिपोर्ट में
- दिल्ली गुरूद्वार कमिटी के विफलताओं पर किए सवाल ।
- सिरसा को बरसाती मेढ़क बताया ।
- संगत को बहकाने से परहेज करने को कहा।
नई दिल्ली (6 जुलाई,2021) : दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन कमिटी के चुनाव करीब आ रहे है। संगत को रिझाने के लिए लोकलुभावने घोषणाओं का सिलसिला जारी है। भ्रस्टाचार के आरोपों और जर्जर आर्थिक स्थिति से जूझ रही, दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबधंन कमिटी ने बीते मंगलवार को प्रेस वार्ता करके कई घोषणाएं की।
जिसको आड़े हाथों लेते हुए मुख्य विरोधी दल शिरोमणि अकाली दल दिल्ली ने प्रेस वार्ता करके कमिटी प्रधान मनजिंदर सिंह सिरसा से बिंदुवार सवाल किए। शिअदद प्रधान परमजीत सिंह सरना ने घोषणाओं को खोखला पिटारा बताया जो कि चुनाव के समय भोली-भाली संगत को गुमराह करने के लिए बनाया गया है । सरना के अनुसार बादल के कार्यकाल में कमिटी अपने इतिहास के सबसे निचले स्तर पर पहुँच चुकी है। शिअदद प्रधान के अनुसार :
- 120 करोड़ कहाँ गए जो उन्होंने अपने कार्यकाल में छोड़ा था।
- पिछले 8 सालों में 250 करोड़ से ज्यादे के दसवंध की प्राप्ति हुई है। जिसका कोई भी हिसाब-किताब संगत के सामने नही है।
- डीएसजीएमसी प्रधान पर पहली बार 2-2 एफआईआर हुयी है
- जीएचपीएस स्कूल/कॉलेज सब बर्बाद है
- सिख अध्यापकों को लंबे समय से तनख्वाह नही मिल रही।
- कर्मचारियों के पीएफ इत्यादि रूके है ।
- 1984 के दोषियों से गलत तरीके से दान लिया जा रहा है । 12 करोड़ का कोई हिसाब किताब नही।
- सन 2019 में 550वें प्रकाश पुरब पर नगर कीर्तन ले जाने के नाम पर करोड़ो का दान इकट्ठा हुआ। इसका कोई भी हिसाब-किताब संगत के सामने पेश नही हुआ।
- पंथक मर्यादाओ की बेअदबी जारी है ।कभी केक काटने तो कभी प्रकाश पुरब में मूर्ति पूजन तक की व्यवस्था लागू की जाती है।
- दसवंध जैसी पवित्र परम्परा को भी इन्होंने चोटिल करने से नही छोड़ा।प्राइवेट कंपनियों से दान माँगा जा रहा है।
- इतिहास में पहली बार गुरु तेग बहादुर जी के पवित्र शहीदी स्थान पर अभद्र और अश्लील गाने बजाए जाते है।
प्रेस को सम्बोधित करते हुए ,शिअदद पार्टी प्रधान ने बताया कि "बादलों के कुकर्मो की फेहरिस्त बड़ी लंबी है। यह सिर्फ दिल्ली से शुरू होकर दिल्ली में ही खत्म नही है। इन्होंने विश्वभर के सिख मर्यादाओ को चोटिल किया है। अब इनके पतन की शरुआत हो चुकी है। गुरमीत रामरहीम को पनाह देने वालो और बरगाड़ी के कातिलों को संगत कभी माफ नही करेगी।
अब चूँकि चुनाव सिर पर है, और संगत ने इनको उखाड़ फेंकने का मन बना लिया है, ऐसे समय मे संगत को बरगलाने के लिए ऐसे लोलुभावने बयानों की जरूरत नही है। इनको संगत के बीच उनके सवालों के जवाब देने होंगे।
सरना ने मंजिदर सिरसा को बरसाती मेढ़क की संज्ञा दी।
Comments