SADD ने दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन कमिटी के खातों को सार्वजनिक करने की माँग को कैसे उठाया । देखिये
SADD ने दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन कमिटी के खातों को सार्वजनिक करने की माँग को कैसे उठाया । देखिये
- शंटी ने लिखा पत्र
- प्रतिनिधिमंडल ने सौंपा ज्ञापन
नई दिल्ली( 26 मई,2021) : शिरोमणि अकाली दल दिल्ली प्रतिनिधिमंडल ने डीएसजीएमसी के खातों को जिसमे सभी आय -खर्चों का ब्यौरा हो, संगत के सामने प्रस्तुत करने की माँग को उठाया।
प्रतिनिधिमंडल की अगुवायी दिल्ली सिख गुरूद्वरा प्रबंधन कमिटी के पूर्व- महासचिव गुरमीत सिंह शंटी द्वारा किया गया जिसमे उन्होंने एक विस्तृत माँग पत्र डीएसजीएमसी के वर्तमान अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा और हरमीत सिंह कालका को लिखा।
शंटी के अनुसार " दिल्ली सिख गुरूद्वरा एक्ट, 1971, धारा 29(4)के अंतर्गत कमिटी के खातों की ऑडिट रिपोर्ट संगत के सामने प्रकशित करना जरूरी है। खातों की कॉपी गुरुद्वारों और सभी प्रमुख जगहों पर लगाना जरूरी है । धारा 28(2) के तहत डीएसजीएमसी के सभी मासिक आय और खर्चों का लेखा-जोखा दो अखबारों में भी प्रकाशित करना जरूरी है ।"
शिअदद महासचिव शंटी ने मनजिंदर सिंह सिरसा को आड़े हाथों लेते हुए बताया की जिस व्यक्ति के खिलाफ दो-दो एफआईआर दर्ज हो उससे पारदर्शिता और ईमानदारी की क्या उम्मीद की जा सकती है।
" कोविड के महामारी काल मे डीएसजीएमसी को पूरी दुनिया से फंड मिल रहे है।लेकिन उसका ब्यौरा किधर है ? कमिटी के संरक्षण में चल रहे कालेजों और संस्थानों की हालत खराब है।सरकारी सहायता प्राप्त 5 कॉलेजो और 4 खालसा संस्थानों को मिलने वाले 5 % सहयोगी ग्रांट तक रुके है। अध्यापकों और कर्मचारियों को उनकी ग्रेच्युटी तक नही मिल रही। 33 वर्षों से काम कर रहे कर्मचारी आज भूखे -लाचार है । कर्मचारियों के पीएफ पिछले 9 महीनों से जमा नही हो रहे है।" डीएसजीएमसी के सीनियर सदस्य।
शिअदद प्रतिनिधिमंडल ने माँग पत्र की प्रतिलिपी को दिल्ली के गवर्नर अनिल बैजल, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल , गुरुद्वारा मामले के राज्य मंत्री आर.पी गौतम और दिल्ली गुरूद्वरा डायरेक्टरेट को भी भेजा।
प्रतिनिधिमंडल में पार्टी उपाध्यक्ष सुखबीर सिंह कालरा , डीएसजीएमसी के कार्यकारिणी सदस्य मल्किन्दर सिंह, डीएसजीएमसी सदस्य करतार सिंह चावल(विकी),वरिष्ठ सदस्य मंजीत सिंह सरना, डीएसजीएमसी के पूर्व सदस्य तजेंद्र सिंह गोपा,यूथ विंग प्रधान रमनदीप सिंह सोनू मौजूद थे।
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