दसवंध बनाम सिरसा केयर फंड ?दिल्ली गुरुद्वारा कमिटी द्वारा कॉरपरेट फंडरेजर नियुक्त किए जाने पर मचा बवाल


दसवंध बनाम सिरसा केयर फंड ?दिल्ली गुरुद्वारा कमिटी द्वारा कॉरपरेट फंडरेजर नियुक्त किए जाने पर मचा बवाल


दिल्ली बृजेश कुमार


- सिख रेहत मर्यादाओं की अवेहलना को लेकर भड़के सरना


 नई दिल्ली,( 17 मई,2021): मनजिंदर सिंह सिरसा की अगुवायी में चलायी जा रही दिल्ली गुरुद्वारा प्रबंधन कमिटी भारी विवादों में है। मामला दसवंध की परंपराओं की अवहेलना और गुरूद्वारों के सिधान्तो के "कार्पोरेटाइज्ड" करने से बढ़के विवाद से लेकर बताया जा रहा है।

 

शिरोमणि अकाली दल दिल्ली के महासचिव हरविंदर सिंह सरना ने बताया कि “ *पूरे सिख इतिहास में कभी भी आउटसोर्सिंग के जरिए फंड नहीं जुटाया गया।  सिरसा ने दशवंध की अवधारणा को ही कुचलने का प्रयास किया है।  जब हम बिंदुओं को जोड़ते हैं, तो यह बिल्कुल स्पष्ट हो जाता है कि वह अपने निजी प्रचार के लिए विशाल मीडिया का उपयोग करता है और फिर एक स्मोकस्क्रीन बनाता है जिसके पीछे वह अमिताभ बच्चन के साथ हड़ताली सौदों से लेकर "कॉर्पोरेट फंडरेजर" को आउटसोर्स करने तक के खिलवाड़ को अंजाम देता है। कोई पारदर्शिता नहीं है।  दीमक की तरह, सिरसा सिख और सिख परंपरा के सिद्धांतों को खा रहा है*,।"


अमिताभ बच्चन के मुद्दे पर डीएसजीएमसी के पूर्व प्रधान, सरना ने बताया कि,"इन्होंने खून का बदला खून का नारा देने वाले से मदद लिए। इन नकाबपोशों की पोल तो तब खुल गयी जब बच्चन ने खुद इंटरव्यू में यह बात स्वीकारी। इसके पहले बादल और सिरसा के लोग प्रोपगैंडा चलाकर संगत को गुमराह करते रहे। "


 सरना ने कमिटी को आड़े हाथे लेते हुए बताया की बादल के लोग सिर्फ शोहरत और राजनीति के भूखे है। जिन लोगो को सिखी का तनिक भी ज्ञान नही, वह पंथ के देकेदार बने बैठे है। ऐसे नासमझों की वजह से हमारे कौम का भारी नुकशान हो रहा है। पहले चीजें पारदर्शी और साफ़ तरीके से काम करती थी। डीएसजीएमसी को राजनीतिकरण से दूर रखा जाता था। सिख और सिखी सर्प्रथम था।

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