शिरोमणि अकाली दल दिल्ली और पंथक अकाली लहर के बीच समझौता
सरना और जत्थेदार भाई रणजीत सिंह में बना गठजोड़ ।
- शिरोमणि अकाली दल दिल्ली और पंथक अकाली लहर के बीच समझौता
-8 सीटो पर बनी बात।
- डीएसजीएमसी चुनाव-2021 लड़ेंगे साथ।
नई दिल्ली(5 अप्रैल,2021): दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबधंन कमिटी के चुनावों के पहले दिल्ली में भारी राजनीतिक बदलाव होते हुए, दो पंथक चेहरों के बीच गठजोड़ बन गया।
यह गठजोड़ शिरोमणि अकाली दल दिल्ली (सरना )और पन्थक अकाली लहर के बीच बना है। शिअदद प्रमुख परमजीत सिंह सरना और श्री अकाल तख्त साहिब के पूर्व जत्थेदार भाई रणजीत सिंह ने सोमवार को आज नई दिल्ली स्थित शिअदद पार्टी मुख्यालय में सांझा प्रेस कान्फ़्रेंस के दौरान 8 सीटों के लिए अपने गठजोड़ का ऐलान किया ।
प्रेस वार्ता को सम्बोधित करते हुए पार्टी प्रधान परमजीत सिंह सरना ने ने बताया कि "हम दोनों ही एक जमीन से जुड़े हुए पंथक पार्टी हैं, और हमारा उद्देश्य ही सिख पंथ की सेवा के लिए काम करना है। दोनों पन्थक पार्टियों, शिरोमणी अकाली दल दिल्ली और पंथक लहर ने एक साथ डीएसजीएमसी चुनाव-2021 में मैदान में उतरने का फैसला किया है। हमारा 8 सीटों पर गठजोड़ हुआ है,जिनके उम्मीदवारों को हमारी पार्टी पूर्ण समर्थन देगी। "
शिअदद महासचिव हरविंदर सिंह सरना ने प्रेस वार्ता को सम्बोधित करते हुए बताया कि," अब संगत ने धर्म की आड़ में सियासत करने वाले गिरगिटों के असली चेहरों को पहचान लिया है, दिल्ली में सिखों के आज हालात देंखे !अध्यापक सड़कों पर हैं, बच्चों को अच्छी शिक्षा नहीं है, डीएसजीएमसी कर्मचारियों को 8-8 महीने से तन्ख्वाह नही है, स्वास्थ्य सेवा के नाम पर प्रचार कर बरगलाया जा रहा है, सिख धर्म के प्रचार-प्रसार से तो इनका दूर-दूर तक वास्ता नहीं है। अपरिपक्व और अज्ञानी बच्चे जिनको सिखी का तनिक ज्ञान नही,वह आज धर्म के ठेकेदार बने बैठे है। यह सब हमारे आने वाली पीढ़ियों के लिए ठीक नहीं है। हम सभी का एक ही मकसद है इन बादल रूपी पन्थक विरोधियों को दिल्ली के साथ-साथ पूरे पंजाब से उखाड़ फेंके। हमारा मकसद अध्यापकों को समय से तनख्वाह देना, जीएचपीएस स्कूलों को फिर से खड़ा करना, विश्वस्तरीय स्तर की अच्छी शिक्षा देना, बच्चों को अच्छी जॉब ट्रेनिंग देकर विदेश भेजना, धर्म के प्रचार प्रसार को नई ऊंचाइयों पर ले जाना इत्यादि शामिल है।
प्रेस वार्ता के दरम्यान दोनों पार्टियों के मुख्य ओहदेदार मौजूद थे।
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