बादल दल के आदेश पर किसान आंदोलन का सहारा लेकर चुनाव अभियान चलाना सिरसा की घटिया रणनीति: शिअदद
बादल दल के आदेश पर किसान आंदोलन का सहारा लेकर चुनाव अभियान चलाना सिरसा की घटिया रणनीति: शिअदद
-सिरसा के आरोपों पर सरना का पलटवार, डीएसजीएमसी के आर्थिक विकास में अपना कोई भी एक व्यक्तिगत योगदान बताने की दी चुनौती
नयी दिल्ली, (15 अप्रैल) शिरोमणी अकाली दल दिल्ली (शिअदद) ने किसान आंदोलन का सहारा लेकर अपना अभियान चलाने की मनजिंदर सिंह सिरसा की घटिया रणनीति पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि शिअदद का पूरा ध्यान केवल और केवल दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीएमसी) में बड़े पैमाने पर हुए भ्रष्टाचार, कुप्रबंधन, गुरु हरकृष्ण पब्लिक स्कूलों (जीएचपीएस) की दुर्दशा और शिरोमणी अकाली दल (बादल) के नेतृत्व में गत आठ वर्षाें में डीएसजीएमसी में हुई गोलक लूट के मुद्दों पर है।
शिअदद के महासचिव हरविंदर सिंह सरना ने यहां बुधवार को देर रात एक बयान में कहा, “ दुनिया का हर सिख जानता है कि किसान नेता राजेवाल ने जेलों में बंद किसानों की जमानत का श्रेय लेने के मनजिंदर सिंह सिरसा के सिख समुदाय को गुमराह करने के प्रयास पर उन्हें फटकार लगाई है, जबकि इसका पूरा श्रेय किसान मोर्चा को जाता है। दुनिया भर के सिख अब यह भी जानते हैं कि बादल दल, जो पूरी तरह से जनता का विश्वास खो चुका है, ने किसान आंदोलन की आड़ में अपना डीएसजीएमसी चुनाव अभियान शुरू करने के लिए सिरसा जैसे नेताओं को किसानों के बीच भेजा है, जबकि हमारी पार्टी सच और ईमानदारी के लिए प्रतिबद्ध है। ”
श्री सरना ने कहा, “ हम गुरु की संगत को गुमराह करने के उद्देश्य से फर्जी तस्वीरों पर विश्वास नहीं रखते। हम ऐसा कभी नहीं करेंगे। हम सच के प्रति प्रतिबद्ध रहते हैं और सच्चाई यह है कि डीएसजीएमसी सिखों की धार्मिक संस्था है, जो ऐतिहासिक गुरुद्वारों का प्रबंधन करती है, दसवंध का प्रबंधन करती है, सिखों के संरक्षक के रूप में खड़ी है और जिस पर उसके अधीन जीएचपीएस स्कूलों और कॉलेजों में पढ़ने वाले बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की जिम्मेदारी है। इस बारे में कहने के लिए सिरसा के पास कुछ भी नहीं है, बल्कि उन्होंने हमारे शैक्षिक संस्थानों को बर्बादी की ओर धकेल दिया है। मेरी सिरसा को चुनौती है कि वह संगतों को स्कूलों, कॉलेजों तथा डीएसजीएमसी के आर्थिक विकास में अपना कोई भी एक व्यक्तिगत योगदान बताएं।
Comments