आज से दिल्ली में रोटी आंदोलन ट्रस्ट की शुरुआत पंडित सुखबीर शर्मा ने की

 




संवाददाता ब्रजेश कुमार


नई दिल्ली-आज दिल्ली में पंडित सुखबीर शर्मा ने रोटी आंदोलन ट्रस्ट लॉन्च किया रोटी आंदोलन ट्रस्ट के अध्यक्ष सुखबीर शर्मा ने कहा हैं कि हमारे देश की यह बदनसीबी हैं कि हमारे देश में आज भी कुछ लोग भुख के लिए रोटी की तलाश में जुटे हुए हैं लेकिन फिर भी वह रोटी की तलाश पूरी नही कर पाते जिसके कारण कुछ तो सड़को पर भूखे ही सो जाते है उन्ही भूखे सोये हुए लोगो को रोटी का इंतजाम करना हमारे रोटी आंदोलन का काम हैं कोई भी इंसान इस देश में भूखा नही सोये यही हमारी कोशिश होगी हालांकि कुछ लोग हमारे इस प्रयास पर हँसते हैं लेकिन हम जागरूक हैं और गरीब मजदूर लोगों को अकेला नहीं छोड़ सकते।हमें दूसरों के प्रति सेवाभाव की कुछ ज़िम्मेदारियाँ भी लेनी चाहिए।  यदि हम में से प्रत्येक एक व्यक्ति एक भूखे व्यक्ति को खाना खिलाता है, तो एक बड़ा बदलाव हमारे समाज और देश मे होगा।  इसी दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए ROTI MOVEMENT की शुरुआत की जा रही है।क्योंकि हमारी कहावतों में यह कहा जाता है कि "हजारों मील की यात्रा, एक कदम के साथ शुरू होती है" रोटी सबका अधिकार है रोटी आंदोलन को भीख या भिखारी के रूप में गलत नहीं समझा जाना चाहिए।  यह हमारा अधिकार है।इसीलिए यह स्पष्ट किया जा रहा है कि यह एक आंदोलन है जहां हम गरिमा और सम्मान के साथ रोटी और रोज़ी चाहते हैं।  वैदिक काल में हमारे पूर्वजों ने आमतौर पर यज्ञों और हवन में इस मुख्य भोजन की पेशकश की थी।भूख की पीड़ा को भगवान बुद्ध ने अपने लेखन के धम्म पद में चित्रित किया था।  उन्होंने कहा था"भूख सबसे खराब बीमारी है"।महात्मा गांधी ने भूखे लोगों के दर्द को महसूस करने के लिए खुद को भूखा रखा। उन्होंने अनुभव किया और व्यक्त किया कि" भूखे के लिए,रोटी ही ईश्वर है।यह आंदोलन "राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा बिल का उपयोग करने के लिए बनाया गया है।  भोजन को कानूनी अधिकार देना ही हमारा मकसद है। यह गांधीजी की भूख मुक्त भारत की दृष्टि को एक वास्तविकता में बदलने का अवसर है। गांधीजी यह भी चाहते थे कि सभी को अपनी दैनिक रोटी कमाने के अवसरों के माध्यम से भूख को समाप्त करने का अवसर मिले, क्योंकि भूख को समाप्त करने के लिए भूखे को समाप्त नहीं कर सकते अब जरूरतमंद लोगों के लिए इस नेक कार्य पर विचार करने का समय आ गया है। इस रोटी आंदोलन के संस्थापक पं सुखबीर शर्मा गरीबों और जरूरतमंदों की सेवा में सबसे समर्पित और उदार व्यक्तियों में से एक हैं।जो मजदूरों के कल्याण के लिए काम करते है। उन्होंने दिल्ली लेबर वेलफेयर बोर्ड के संस्थापक के रूप में भी कार्य किया है उन्होंने हमेशा अपने अधिकारों के लिए अपना पक्ष रखा।  ज्ञान और नवाचार के युग में बढ़ती भूख और बेरोजगारी वास्तव में सुशासन की विफलता बताया इस विचार को ध्यान में रखते हुए, सुखबीर शर्मा ने भूखे और जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए कुछ जिम्मेदार कदम उठाने का फैसला किया है।  नतीजा हमारे सामने है।  उन्होंने-रोटी अभियान को बेरोजगारों की मदद के लिए रोटी आंदोलन के रूप में पहल की।उन्होंने वंचितों के साथ खड़े होने के लिए एक योद्धा बनने की कसम खाई है।

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