भारतीय रसायन उद्योग में 2025 तक 10 लाख करोड़ रुपये के निवेश की उम्मीद : सदानंद गौड़ा

 



भारतीय रसायन उद्योग में 2025 तक 10 लाख करोड़ रुपये के निवेश की उम्मीद : सदानंद गौड़ा


भारत दुनिया में रसायन और पेट्रो रसायन उद्योग में फ्रंट रनर के रूप में उभरेगी 


नई दिल्ली, 17 मार्च 2021: केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्री, श्री डीवी सदानंद गौड़ा ने आज कहा कि भारतीय रसायन और पेट्रोकेमिकल्स उद्योग विकास की नई ऊंचाइयों की तरफ बढ़ रहा है, और उन्होंने स्पष्ट किया कि इस उद्योग में 2025 तक 10 लाख करोड़ रुपये का निवेश होगा।

सदानंद गौड़ा ने अपने भाषण के दौरान सभी को सचेत किया कि देश में कोरोनोवायरस के मामले फिर से बढ़ने लगे हैं, और उन्होंने महामारी के प्रसार को रोकने के लिए सभी को सुरक्षा प्रोटोकॉल बनाए रखने का अनुरोध किया।

फिक्की और भारत सरकार के रसायन और पेट्रो रसायन विभाग द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित इंडिया केम 2021 - 11 वीं द्विवार्षिक अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शनी और सम्मेलन' के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए श्री गौड़ा ने कहा, '' कोविड के दौरान, भारत ने पूरी दुनिया को दवा उपलब्ध करवाई है। विशेष रूप से, भारत ने पड़ोसी देशों को वैक्सीन दिलाने में मदद की है। ”

श्री गौड़ा ने कहा कि रसायन और पेट्रोरसायन उद्योग में वृद्धि का भी आत्मनिर्भर भारत में योगदान है।

इंडिया केम 2021 के आयोजन पर फिक्की की सराहना करते हुए श्री गौड़ा ने कहा, '' इंडिया केम 2021 अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त कार्यक्रम बन गया है, और इसे व्यापक रूप से स्वीकृति मिली है और यह सम्मेलन इसका जीता जागता उदाहरण है। हम निश्चित रूप से रसायनों और पेट्रोरसायन में अग्रणी बनकर उभरेंगे। ”

रसायन और उर्वरक मंत्रालय के रसायन और पेट्रोरसायन विभाग के सचिव श्री योगेंद्र त्रिपाठी ने कहा कि भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक के रूप में उभर रहा है। उन्होंने कहा, “भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया की सबसे तेज अर्थव्यवस्थाओं में से एक के रूप में उभरने के संकेत दे रही है। इंडिया केम 2021 का विजन भारत को एक अग्रणी रसायन और पेट्रोरसायन हब के रूप में स्थापित करने का है।। ”

ओडिशा सरकार के उद्योग, एमएसएमई, ऊर्जा और गृह (एमओएस) मंत्री  कैप्टन दिब्य शंकर मिश्रा ने जोर दिया कि उड़ीसा एक निवेश गंतव्य के रूप में उभर रहा है। “अगर कोई धातु और खनिज में निवेश करना चाहता है, तो वह ओडिशा की उपेक्षा नहीं कर सकता है। हमने इकोसिस्टम बनाया है, निवेशक अगर ओडिशा में निवेश करेंगे तो वे लाभान्वित होंगे। कंपनियों को राज्य में सेटअप और व्यापार करने की सुविधा देने के लिए, ओडिशा ने पिछले साल ईओडीबी फ्रेमवर्क के कार्यान्वयन के संदर्भ में कई पहल की हैं। "

आंध्र प्रदेश के उद्योग, निवेश, अवसंरचना, वाणिज्य और आईटी मंत्री, श्री मीकापति गौतम रेड्डी ने कहा कि आंध्र प्रदेश रसायन और पेट्रोरसायन उद्योगों के लिए पसंदीदा स्थान है। उन्होंने पेट्रोरसायन उद्योग को बढ़ावा देने के लिए प्रभावी कदम उठाने के लिए भारत सरकार की सराहना की। उन्होंने कहा, “बड़े पेट्रोरसायन उद्योगों और तेल रिफाइनरियों की उपस्थिति देश को आत्मनिर्भर बनने में सक्षम बना रही है। राज्य ने हाल के वर्षों में अधिक निवेश आकर्षित किया है। राज्य में लगभग 5,000 एमएसएमई काम कर रहे हैं, जो पूरे भारत में 8 प्रतिशत का योगदान देता है। "

फिक्की नेशनल केमिकल कमेटी के चेयरमैन और दीपक नाइट्राइट लिमिटेड के सीएमडी श्री दीपक सी मेहता ने बताया कि भारत रसायन और पेट्रोरसायन उद्योग में एक वैश्विक नेतृत्वकर्ता के रूप में उभर रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में भारत में रसायन उद्योग बहुत अच्छा प्रदर्शन कर रहा है और उन्हें भविष्य में भी ऐसा ही होने की उम्मीद है। 

फिक्की पेट्रोकेमिकल्स कमेटी के चेयरमैन और  एचएमईएल के प्रबंध निदेशक और सीईओ श्री प्रभ दास ने कहा कि भारत में रसायन और पेट्रोरसायन उद्योग में 8 लाख करोड़ रुपये का निवेश पाइपलाइन में है। उन्होंने कहा, "इस उद्योग में निवेश की संभावनाएं बहुत अधिक है, चाहे वह घरेलू निवेशक हों या वैश्विक"। 

ल्योंडेलबैसेल इंडस्ट्रीज के सीईओ श्री भावेश वी पटेल ने कहा, "हमें बाज़ार के अंतिम छोर के बारे में सोचना चाहिए और उपभोक्ता की जरूरत के हिसाब से काम करना चाहिए, नवाचार जारी रखना चाहिए। "

कार्यक्रम के दौरान फिक्की-पीडब्ल्यूसी नालेज पेपर 'इंडिया: ए ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग हब फॉर केमिकल्स एंड पेट्रोकेमिकल्स' जारी किया गया।

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