भारत में समान नागरिक सहिंता की चिल्लाती हुई आवश्यकता हैं – राष्ट्रिय सैनिक संस्था
6 दिसम्बर देर शाम 2020 , मुख्यालय राष्ट्रिय सैनिक संस्था , 133 बी मोडल टाउन ईस्ट ,– आज यहाँ राष्ट्रिय सैनिक संस्था की एक राष्ट्रिय वेबिनार में सभी वरिष्ठ सदस्यों ने कहा की धर्म निरपेक्ष देश में समान नागरिक सहिंता का होना एक चिल्ल्लाती हुई आवश्यकता है बिना इसके धर्म निरपेक्षता बेमानी हैं | वेबिनार में लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह, लेफ्टिनेंट जनरल अश्विनी कुमार बक्शी, मेजर जनरल डॉ एसएस दशाका, मेजर जनरल एसपी सिंहा, मेजर रंजीत सिंह, एयर वाइस मार्शल अजीत प्रसाद त्यागी, एडमिरर सनातन कुरुक्षेत्र, मेजर सुशील गोयल, प्रोफेसर सपना, बंसल राजीव जोली खोसला, और संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष कर्नल तेजेंद्र पाल त्यागी सभी ने एक ही आवाज दी समान नागरिक सहिंता के समर्थन में अपने अपने तर्क दिए :
वेबिनार में बताया गया की संविधान के रचेयता बाबा साहब अंबेडकर ,संविधान सभा के सदस्य के.एम. मुंशी और संविधान सभा के सदस्य कृष्णास्वामी अय्यर ने खुलकर समान नागरिक संहिता की वकालत की थी I
1985 में ,1995 में ,2003 में ,2019 में सुप्रीम कोर्ट ने यहाँ तक कहा था की बिना सामान नागरिक संहिता के धर्म निरपेक्षता बेमानी है, इसलिए यह कनून जल्द बनना चाहिए I समाजवादी नेता डा राममनोहर लोहिया , पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपयी अल्पसंख्यक आयोग के ताहिर महमूद ने भी इस कानून का जोरदार समर्थन किया था |
दिल्ली हाईकोर्ट ने 31 मई 2020 को 'समान नागरिक संहिता' की मांग वाली जनहित याचिका पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया था जिसकी 9 दिसंबर को सुनवाई है |
राष्ट्रिय सैनिक संस्था द्वारा समान नागरिक सहिंता लागू करने के लिए माननीय प्रधानमंत्री जी को पहले ही ख़त लिखा गया है | अब सभी सांसदों और मुख्य मंत्रियो को लिखा जायेगा | 'समान नागरिक संहिता' लागू करने से देश और समाज को सैकड़ों जटिल कानूनों से मुक्ति मिलेगी, अदालत का समय बचेगा और सांप्रदायिक सोहार्द पैदा होगा | एनसीआर संयोजक राजीव जॉनी खोसला ने कहा कि यह समस्या इतनी ज्वलनशील है तो सरकार का इसको समाधान करने में इतना विलंब क्यों इसे शीघ्र ही लागू कर देना चाहिए राष्ट्रीय जनहित के लिए
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