किसान प्रदर्शन का राजनीतिकरण ना हो। : सरना



 वरिष्ठ अकाली नेता ने आंदोलन को सुलझाने के लिए केंद्र को 10 सूत्रीय सलाह पत्र लिखा



नई दिल्ली ( 29 नवम्बर, 2020) :  पंजाब से आए किसानों के हुजूम ने भारत सरकार  के हाँथ -पांव फुला दिए है। जत्थे जहाँ टस से मस होने को तैयार नही वहीं कई राजनीतिक पार्टियों के कूदने से मामला पेचीदा होता दिख रहा है। कई जत्थेबंदिया और एनजीओ भी किसानों को लंगर इत्यादि की सहायता में सिंधू बार्डर पर डंटे है।

मौके पर मौजूद शिरोमणि अकाली दल दिल्ली (शिअदद) के प्रधान ने बताया कि " देंखे, किसानों की माँग को समझने की जरूरत। इसमें हठधर्मिता की अभी जरूरत नही। मामले को बात करके आसानी से सुलझाया जा सकता है।"

पूर्व गुरुद्वारा प्रबंधन कमिटी के प्रधान से उनके सलाह के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने  केंद्र सरकार को 10 बिन्दुओ पर काम करने की सलाह दी : 


1 : किसानों को आप 30 नवम्बर बात करने का न्यौता भेंजे। उसी दिन श्री गुरुनानक देव जी का प्रकाशपुरब है।


2: देश की नेशनल हाइवे को चालू करें अन्यथा दूसरे राज्यों के कारोबार चरमरा जाएंगे। भूखमीरी और महँगाई बढ़ सकती है।


3 : प्रदर्शन को एक खुले मैदान में ठहराकर उनके खाने, पीने, दवाई इत्यादि की व्यस्था करें। 


4 : किसानों के साथ बैठक में अपनी बात को उनको ठीक से समझाए । जिन बिन्दुओ पर वह मान जाए ठीक, अन्यथा विवादस्पद बिन्दुओ को अभी रोक कर रखें।


5 : किसान बिल को दूसरे राज्यो में लागू करें और उनके सक्सेस मॉडल को पंजाब, हरियाणा सहित जो राज्य नही मान रहे, उनको साबित करें।

6 : बिल को लेकर तमाम भ्रांतिया फैलाई जा रही है उनको दूर करने के लिए केंद्र सरकार के कृषि मंत्रालय या अपने पार्टी की तरफ से अच्छे प्रवक्ताओं को टीवी पर लगाए जिससे गलेफहमी दूर हो।

7: दुनिया के कई और मुल्कों में यह मॉडल लागू है उनका उदाहरण पूरे रिसर्च के साथ मीडिया में जारी करें।

8 : देश के कृषि वैज्ञानिक सहित कई विद्वान है जो इन मुद्दों पर अच्छी समझ रखते है उनको आगे करें। जिससे भ्रांति दूर हो और दूध का दूध ,पानी का पानी हो।


9: किसानों के मुद्दे काफी नाजुक है उनसे मीडया,पार्टी और सरकार को समझदारी से पेश आने की जरूरत है। आक्रामक ना बने।

10: कुछ पार्टियां और नेता इसकी आड़ में माहैल बिगाड़ना चाहते है। उनसे सख्ती से निपटें। ऐसे तत्व गलत खबरें फ़ैला कर राजनतिक रोटियां सेंकने में लगे है।


सहायता अभियान के समय सरदार सरना के संग उनके दूसरे पार्टी के दूसरे सदस्य और वालेंटियर भी मौजूद थे जो कि किसानों को चाय, पानी, लंगर ,कपड़े इत्यादि मुहैया करा रहे थे।

इस दरम्यान पार्टी महासचिव गुरमीत सिंह शंटी, मंजीत सिंह सरना, तजेंद्र सिंह गोपा,यूथ विंग प्रधान रमनदीप सिंह सोनू, गुरमीत सिंह रिंटा सहित कई अन्य मौजूद थे।

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