*ईपीएस-95 पेंशनधारकों के समर्थन में सांसद हेमा मालिनी ने श्रम मंत्री संतोष गंगवार को लिखा पत्र*
*सांसद ने कहा, पेंशनधारकों को सम्मान से जीवन गुजारने लायक पेंशन मिलनी ही चाहिए*
*ईपीएस-95 राष्ट्रीय संघर्ष समिति(NAC) के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमांडर राऊत ने कहा कि माननीय सांसद के पत्र के बाद बुजुर्ग सांसदों को सालों बाद अपने साथ इंसाफ होने की आस जगी*
*'एक पत्र प्रधानमंत्री के नाम व एक वृक्ष का रोपण NAC के शहीदों के नाम कार्यक्रम'*
*नई दिल्ली:* मथुरा से बीजेपी सांसद हेमा मालिनी ने ईपीएस-95 राष्ट्रीय संघर्ष समिति के बैनर तले वर्षों से आंदोलन कर रहे ईपीएस-95 पेंशन धारकों की मांगों के समर्थन में केंद्रीय श्रम मंत्री संतोष गंगवार को पत्र लिखा है। सांसद ने लिखा है कि रिटायरमेंट के बाद परिवार और समाज में सम्मान सहित जीने के लिए पेंशन दी जाती है, लेकिन ईपीएस-95 के पेंशन धारकों को बहुत मामूली पेंशन मिल रही है। इतनी महंगाई के जमाने में इतने कम पैसे में इन बुजुर्गों का अपनी जिंदगी की संध्यावेला गुजारना काफी मुश्किल है। हेमा मालिनी ने पत्र में यह भी लिखा है, “ईपीएस राष्ट्रीय संघर्ष समिति के जनप्रतिनिधि मेरे पास बार-बार आए और इनकी हालत देखकर बहुत व्यथित हो गई।“
गौरतलब है कि ईपीएस राष्ट्रीय संघर्ष समिति 65 लाख ईपीएस-95 पेंशनधारकों का प्रतिनिधित्व करती है।
ईपीएस-95 राष्ट्रीय संघर्ष समिति(NAC) के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमांडर राऊत ने कहा कि EPS95 पेंशन धारकों की मांगो को मंजूर करवाने हेतु, हमारी आवाज को प्रधानमंत्री जी तक पहुचाने हेतु "एक पत्र प्रधानमंत्री के नाम व एक वृक्ष का रोपण NAC के शहीदों के नाम" यह अभियान पूरे देश में प्रभावी ढंग से चलाया जा रहा है।
उन्होंने आगे कहा कि माननीय सांसद के पत्र के बाद बुजुर्ग सांसदों को सालों बाद अपने साथ इंसाफ होने की आस जगी। "ये लड़ाई बहुत लंबी हो चुकी है। सभी पेंशन धारकों के इंसाफ़ के लिए माननीय सांसद महोदया का आगे आना एक उम्मीद की किरण है। कोरोना महामारी की इस विकट परिस्थिति में लाखों लोग अपनी जमापूंजी के मिलने की आस लगाए बैठे हैं। इतनी गंभीर स्थिति में भी हम प्रदर्शन कर रहे हैं क्यूँकि जीविका और जीवन में हम किसी एक को नहीं चुन सकते। हमें तत्काल इंसाफ मिलना चाहिए।"
श्रम मंत्री संतोष गंगवार को लिखे पत्र में हेमा मालिनी ने कहा कि न्यायपालिका ने भी ईपीएस-95 पेंशनधारकों की मांग को जायज ठहराया है। उन्होंने कहा कि वह पेंशनधारकों के डेलीगेशन के साथ प्रधानमंत्री से मिलकर उन्हें प्रतिनिधिमंडल का ज्ञापन सौंप चुकी है, लेकिन उनकी मांगे मंजूर होना बाकी हैं। हेमा मालिनी ने पत्र में लिखा कि लोकसभा में 19 सितंबर को पेश किए गए सामाजिक सुरक्षा बिल को देखते हुए उन्हें आशा है कि इस दिशा में जल्द ही कोई सकारात्मक कदम उठाया जाएगा।
हेमा मालिनी ने श्रम मंत्री को लिखा, “मैं मानसून सत्र में ईपीएस 1995 पेंशनर्स के डेलिगेशन को लेकर आपसे व्यक्तिगत रूप से मिलना चाहती थी, लेकिन कुछ कारणों से सत्र में शामिल नहीं हुई हैं। इसके बावजूद मैंने इन पेंशनर्स की मांग को पत्र के माध्यम से आपके पास पहुंचाना उचित समझा।“ उन्होंने श्रम मंत्री से बुजुर्ग पेंशनर्स के चेहरे पर मुस्कान लाने की अपील की है।
ईपीएस-95 राष्ट्रीय संघर्ष समिति(NAC) के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमांडर अशोक राऊत ने लिखा कि ईपीएस राष्ट्रीय संघर्ष समिति 65 लाख ईपीएस-95 पेंशनधारकों का प्रतिनिधित्व करती है। बुजुर्ग पेंशनधारक 3 वर्षों से महीने में गुजारे लायक पेंशन को लेकर आंदोलन चला रहे हैं। तहसील स्तर से लेकर दिल्ली तक हजारों आंदोलन करने के बाद माननीय श्रम मंत्री जी की अपील पर सभी आंदोलन वापस ले लिए गए हैं। केवल संगठन के मुख्यालय महाराष्ट्र के बुलढाणा में पिछले 640 दिनों से क्रमिक अनशन चल रहा है। हमें आशा है कि श्रम मंत्री जल्द ही पेंशनरों को इंसाफ देंगे और पेंशन धारकों के परिवार में खुशहाली आएगी।
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