कानपुर में पुलिसकर्मियों की हत्या से लेकर विकास दुबे के एनकाउंटर तक की कहानी



कानपुर में 2 जुलाई की रात कुख्यात विकास दुबे के घर रात में दबिश देने पहुंची पुलिस टीम पर बदमाशों का दुस्साहस भारी पड़ गया और 8 पुलिसकर्मी बलिदान हो गए। पुलिस के मुताबिक इस घटना में विकास दुबे के गैंग के 21 बदमाश शामिल थे, जिन्होंने हथियारों से फायरिंग कर पुलिसकर्मियों को छलनी कर दिया था। इस मुठभेड़ के बाद सामने आया विकास दुबे के पुलिस और पॉलिटिकल कनेक्शन ने लोगों को हैरान कर दिया।
कानपुर के सलारू गांव में 8 पुलिसवालों की हत्या का मुख्य आरोपी विकास दुबे आखिर मुठभेड़ में मारा गया। बीते 8 दिनों में इस कांड में एक से एक नाटकीय मोड़ आते रहे हैं। कभी विकास दुबे को एनसीआर में बताया गया तो कभी उसके नेपाल और चंबल के बीहड़ों में छिपे होने की बातें सामने आती हैं। अंत में 9 जुलाई को उसेजैन के महाकाल मंदिर के बाहर से पकड़ा गया। विकास दुबे को पुलिस की हिरासत में आ जाने के बाद तमाम तरह के सवाल उठने लगे।
विकास दुबे को गिरफ्तार करने के बाद मध्य प्रदेश पुलिस ने तमाम संकोताएं पूरी की और देर रात विकास दुबे को यूपी पुलिस की कस्तडी में सौंप दिया। मध्य प्रदेश से यूपी लाए जाने के दौरान कानपुर पहुंचने से पहले ही एक हादसा हुआ और गाड़ी पलट गई, उसके बाद विकास दुबे ने भागने की कोशिश की, पुलिस ने पकड़ने का प्रयास किया और इस दौरान मुठभेड़ हो गई। मुठभेड़ में विकास दुबे को पुलिस की चार गोलियां उसे लगी और अस्पताल पहुंचने पर उसे मृत घोषित कर दिया गया। तस्वीरों के माध्यम से देखिए 2-3 जुलाई के बाद से लेकर 10 जुलाई की सुबह में एनकाउंटर तक की इस पूरे विवरण की झलक।
जानकारी के मुताबिक किस गाड़ी से पुलिस विकास दुबे कानपुर ला रही थी, रास्ते में वो दुर्घटनाग्रस्त हो गई है। इस दौरान मौके का फायदा उठाकर विकास ने दौड़ की कोशिश की। साथ ही उसने पुलिसकर्मी से पिस्टल भी छीन लिया। मौके पर एसटीएफ के साथ विकास दुबे की मुठभेड़ शुरू हुई और गोली लगने से उसकी मौत हो गई।
कानपुर कांड के बाद देशभर में सुर्खियों में आए विकास दुबे को कई राज्यों की पुलिस बीते 6 दिनों से तलाश कर रही थी। गुरुवार सुबह मध्य प्रदेश पुलिस ने उसे उज्जैन के महाकाल मंदिर से गिरफ्तार किया था।
मध्य प्रदेश पुलिस ने विकास दुबे की गिरफ्तारी के कुछ देर बाद ही उज्जैन आए लखनऊ के दो वकीलों को भी हस्तक्षेप के तहत हिरासत में छोड़ दिया। यह निजी गाड़ी सेजैन आए थे।
विकास दुबे गुरुवार सुबह करीब 7.45 बजे महाकाल मंदिर दर्शन के लिए पहुंच गया था और मंदिर में प्रवेश की व्यवस्था के बारे में दुकानदार के जानकारी ली। मंदिर दर्शन के लिए उन्होंने 250 रुपये की रसीद भी कटवाई। प्रवेश के दौरान मंदिर के गार्ड को शक होने पर उसे पकड़कर पुलिस चौकी लाया गया। पुलिस की गिरफ्त में आने पर वह जोर-जोर से चिल्ला रही थी कि मैं विकास दुबे हूं .. कानपुर वाला।
विकास की गिरफ्तारी के बाद यूपी एसटीएफ की टीम गुरुवार शाम को उज्जैन पहुंची और सभी कानूनी संस्थाओं को पूरा करने के बाद विकास दुबे को अपनी कस्टडी में ले लिया।
गुरुवार रात लगभग 9:30 बजे उत्तर प्रदेश पुलिस व एसटीएफ का काफिला उसे सड़क मार्ग से ले गया। उज्जैन से भी सुरक्षाबलों को साथ भेजा गया है।
कानपुर कांड का मुख्य आरोपित विकास दुबे केजरीन से गिरफ्तार किए जाने के बाद गुरुवार रात उसकी पत्नी रिचा भी बेटे के साथ लखनऊ के कृष्णानगर के इंद्रलोक कॉलोनी स्थित अपने मकान के पास से पकड़ी गई।
विकास दुबे के साथियों संग छिपे होने की सूचना पर फरीदाबाद क्राइम ब्रांच की टीमों ने राष्ट्रीय राजमार्ग पर बड़खल मोड़ के पास स्थित ओयो यार्ड हाउस घेर लिया। छापेमारी के दौरान पुलिस को पूर्वानुमान हाउस में विकास या उसके साथी से मुलाकात नहीं हुई।

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