खुलासा: 7 साल पहले ही आ चुका था Corona, जानें China ने कैसे किया पूरी दुनिया को गुमराह
नई दिल्ली। इन दिनों पूरी दुनिया कोरोना (Coronavirus) का दंश झेल रही है। ताजे आंकड़ों के मुताबिक 1 करोड़ 11 लाख से अधिक लोग इस वायरस से संक्रमित हो चुके हैं। मीडिया के मुताबिक ये बीमारी चीन के वुहान से दिसंबर में फैलना शुरू हुई थी लेकिन चीन ने इसकी जानकारी को छुपा लिया। जिसकी वजह से इसके मामले सिर्फ 2 महीने में दुनियाभर में फैल गए। यह बीमारी कैसे फैली, अब यह पता लगाने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की टीम अगले हफ्ते चीन जाएगी। लेकिन इससे पहले इस वायपस को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है।
दरअसल, Thetimes.Co.Uk की एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि साल 2013 में ही चीन में कोरोना वायरस ( Coronavirus In China) जैसे स्ट्रेन का पता चला था लेकिन चीन ने उस वक्त भी ये जानकारी छुपा ली थी। रिपोर्ट के मुताबिक, आज से 7 साल पहले चमगादड़ (Bat) और चूहे (Rat) की मौजूदगी वाली एक खदान में कोरोना वायरस से जुड़ा वायरस स्ट्रेन मिला था। जिसके बाद इस खदान में काम कर रहे 6 लोग बुखार, कफ और न्यूमोनिया से पीड़ित हो गए थे। इनमें से तीन की हालत गंभीर थी. रिपोर्ट के मुताबिक, बीमार पड़ने वाले लोगों में से 4 के शरीर में कोरोना वायरस एंटीबॉडीज मिले थे।लेकिन जांच से पहले ही 2 की मौत हो गई थी।
इसके बाद चीन सरकार (China Government ) ने इस वायरस स्ट्रेन को चीन ने सालों तक वुहान के विवादित लैब ( Wuhan Institute Of Virology) में रखा। ऐसे में लोगों का मानना है कि ये कोरोना वहीं वायरस है और अब सालों बाद चीन की लैब से लीक हो गया है। वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने अप्रैल में कहा था कि उन्हें सबूत देखने के बाद काफी अधिक भरोसा हुआ है कि कोरोना वायरस चीन के वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी से आया। हालांकि, चीन लैब से वायरस लीक होने की सभी थ्योरी को गलता बता दिया था।चीन में बैट वुमन (Batwoman) नाम से मशहूर डॉ. शी झेंगली (Dr. Xi Zhengli) ने भी फरवरी में कोरोना से जुड़ा एक अकेडमिक पेपर तैयार किया था। ये पेपर Nature जर्नल में प्रकाशित भी हुआ था। इस रिसर्च के मुताबिक वुहान स्थित लैब में चीन ने चमगादड़ों से मिला RaTG13 वायरस रखा था जो कोरोना वायरस से 96.2 फीसदी मिलता है और ये उसी वायरस का सैंपल है जो 2013 में खदान में मिला था ।

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